Pyaaz evam Lehsun ki Unnat Kheti tatha Mulaya Samvardhan
by Rajesh Kumar Singh, Pramod Kumar Gupta, Amit Kumar Singh
ISBN: 9789359195971
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Imprint : Daya Publishing House
Year : 2025
Price : Rs. 10095.00
Biblio : xx+266p., tables., figs., ind., 25 cm
Author Profile
डॉ राजेश कुमार सिंह, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, सब्जी विज्ञान विभाग, उद्यान महाविद्यालय, बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा, उ.प्र. में कार्यरत है। पिछले 18 वर्षों से विभिन्न संस्थाओं में विभिन्न सब्जियों विशेषकर प्याज एवं लहसुन पर शोध कार्य कर रहे है। प्याज एवं लहसुन पर कार्य करते हुए प्याज की प्रजातियाँ जैसे-रबी मौसम के लिए एन.एच.आर.डी.एपफ. फुरसगी, एन.एच.आर.डी.एपफ. रेड-3, एन.एच.आर.डी.एपफ. रेड-4 का विकास किया जो कि भारत सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों के लिए अनुमोदित की जा चुकी है। खरीफ प्याज की लाइन-883 और लाइन-863 का विकास किया जो कि एन.एच.आर.डी.एफ. द्वारा अनुमोदित करके पूरे भारत वर्ष में इसकी खेती वृहद पैमाने पर की जा रही है। इसी दौरान लहसुन की प्रजातियां जैसे-एग्रीफाऊंड पार्वती, एग्रीफाऊंड पार्वती-2, यमुना सेफद-8, यमुना सफेद-9, यमुना पर्पल-10 (जी-404) का विकास किया, जिसे भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों में खेती करने के लिये अनुमोदित किया है। लहसुन की एक प्रजाति जी-389 जिसकी खेती खरीफ और रबी दोनों मौसम में की जाती है जो कि केवल खरीफ में (75 से 80 दिनों में) तथा रबी में (85 से 90 दिनों में) तैयार होती है, का विकास किया तथा इसका पंजीकरण एन.बी.पी.जी. आर., नई दिल्ली, के पौध जनन द्रव्य पंजीकरण समिति द्वारा कराया जिसका पंजीकरण संख्या (आई.एन.जी.आर.-14009) दिनांक 31 जनवरी, 2014 है, और इसको राष्ट्रीय जीन बैंक में रखा गया है। डॉ. सिंह ने 60 से अधिक शोध पत्र, 35 प्रचलित लेख, 12 विभिन्न पुस्तकों में अध्याय, 12 तकनीकि पत्रिका, 4 पुस्तक, 30 विभिन्न कान्फेन्स में सारांश और 25 लेख लोकप्रिय समाचार पत्रों में प्रकाशित किये है।
About The Book
प्रस्तुत पुस्तक में प्याज एवं लहसुन उत्पादन से सम्बंधित सभी आयामों जैसे-परिचय, सुधारित प्रजातियां, भूमि, जलवायु, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण, रोग और कीट प्रबंधन, बीज उत्पादन, सस्योत्तर प्रबंधन, यातायात, भण्डारण, निर्यात, परिक्षण, प्याज एवं लहसुन उत्पादन में कठिनाइयां और समस्यायों को एक जगह पर संकलित किया गया है, जो कि शोधकर्ताओं, छात्रों, प्रसारकर्ताओं, प्रशिक्षणकर्ताओं, प्याज एवं लहसुन उत्पादकों, निर्यातकों, व्यापारी आदि के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी।
Table of Contents
भूमिका 1
1 प्रस्तावना 2
2 वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की संभावनाएं 21
3 प्रजातियाँ 41
4 फसलोत्पादन प(ति एवं प्रबंधन 95
5 पोषक तत्वों की कमी 137
6 बीज उत्पादन प्रौद्योगिकी 143
7 समस्याएं व निवारण 169
8 फसल संरक्षण 185
9 सस्योत्तर प्रद्योगिकी 213
10 परिरक्षण, उपयोग और मूल्यवर्धन 257