Dudharo Pashu Prabandhan

by P L Choudhury, Amit Kumar Gupta, Om Prakash Dinani

ISBN: 9789359192499
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Imprint : Daya Publishing House
Year : 2025
Price : Rs. 6995.00
Biblio : viii+189p., tabls., figs., col., ind 25 cm

Author Profile

डॉ-पी-एल-चौधरी ने बी-एस-सी- (कृषि), एम-एस-सी- (ऽाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) एवं पी-एच-डी- उपाधि गुजरात कृषि वि-वि- से प्राप्त किया। वे प्राध्यापक (दुग्ध रसायन) के पद एवं विभागाध्यक्ष पद ग्रहण करने के उपरांत अधिष्ठाता, दुग्ध प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, रायपुर के पद पर रहे। उनकी प्रशासनिक क्षमता को देऽते हुये वर्ष 2015 में निदेशक, विस्तार शिक्षा के पद में चयनित किये गये। इन्हाेंने 200 से अधिक विस्तार पुस्तिकाओं का प्रकाशन, 15 किसान गोष्ठियों का आयोजन, 04 राष्ट्रीय सेमीनार एवं 25 कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। डॉ- अमित कुमार गुप्ता बी- व्ही-, एस- सी- एवं ए- एच- एवं एम- व्ही- एस,सी- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर (छ-ग-) से प्राप्त की। वर्तमान में निदेशालय विस्तार शिक्षा, छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग में पशुचिकित्सा विस्तार अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। इसके पूर्व इन्होंने भारत सरकार के प्रोजेक्ट, एक्सेशन रिफार्म, ‘आत्मा’ में डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद में जिला सरगुजा, (छ-ग-) में अपनी सेवाएं दी हैं एवं सहायक प्राध्यापक के पद पर एम-बी- वेटनरी कॉलेज डूंगरपूर (राजस्थान) में भी कार्यरत रहे। डॉ- ओमप्रकाश दीनानी ने स्नातक उपाधि बी-व्ही-एस-सी- एण्ड ए-एच- वेटनरी कॉलेज, अंजोरा, एम-व्ही-एस- एवं पी-एच-डी- की उपाधि आई-व्हीं-आर-आई-, बरेली एवं पी-जी-डी-ए-ई-एम- मैनेज, हैदराबाद से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। वे सहायक प्राध्यापक, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरादाऊ श्री वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग में पदस्थ हैं। वे एन-आई- एफ-, गुजरात एवं आई-सी-ए-आर-, नई दिल्ली के प्रोजेक्ट में मुख्य अन्वेषक तथा बी-आर-एन-एस-, मुम्बई तथा आई-सी-ए-आर-, नई दिल्ली प्रोजेक्ट के सह-मुख्य अन्वेषक भी रह चुके हैं। उन्होंने 91 शोध पत्र, 82 एब्स्ट्रेक्ट, 43 पापुलर आर्टिकल, 17 टेक्निकल बुलेटिन, 47 पॉम्प्लेट, 14 मैनुअल तथा 06 पुस्तकों का प्रकाशन पशुधन एवं कुक्कुट विषय पर किया है।

About The Book

प्रस्तुत पुस्तक में दुधारू पशुओं के पालन एवं प्रबंधन हेतु मूलभूत जानकारी वर्णित की गई है। जिससे सामान्य किसान दुधारू पशुओं का वैज्ञानिक विधि से पालन कर अपनी आजीविका, स्वरोजगार एवं अतिरित्तफ़ आय अर्जित कर सकता है। इस पुस्तक में दुधारू पशुधन की विभिन्न नस्लों, प्रजनन व्यवस्था, पशु आहार, आवास व्यवस्था, प्रमुऽ रोगों इत्यादि का वर्णन कर इसे सरल भाषा में समझाया गया है। हमें यह पूर्ण आशा है कि यह पुस्तक डेयरी व्यवसाय में लगे पशुपालकों के अलावा वेटनरी एवं डेयरी पाली टेक्निक में अध्ययनरत छात्र-छात्रओं के लिये भी अति उपयोगी सिद्ध होगी।