Meri Shav Yatra: Vyangya Lekh
by Vijay Kumar
ISBN: 9789354618192
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Imprint : Regency Publications
Year : 2024
Price : Rs. 2695.00
Biblio : xi+65p
About The Book
इस अचानक के प्रहार से मुझे हुई घबराहट से मेरे रोंगटे खड़े हो गए । मेरे न जाने किस रोंगटे से टकरा गश खाकर वो दुबले-से महाशय गिर पड़े, दूर से आठ-दस लोग भागते आए। सभी एक स्वर में नारा लगा रहे थे, “ पकड़ो-पकड़ो" मुझे लगा अब ... श्री अज्ञात सिंह जी का दौरा आदेश और उसके नीचे था श्री अज्ञात सिंह जी का दौरा कार्यक्रम । मैं आगे कुछ पढ़ती इससे पहले ही मुझे सहारा देने वाले ने मुझे और मजबूती से कस लिया उसके बाहुपाश में मैं बंधी अपनी सुध-बुध खो बैठी। मुझे होश आया उसकी गर्म सांसों का स्पर्श पाकर उसने मुझे अपने रसभरे अधरों से लगाया बाजार या कहीं बाहर जाते चलते-फिरते पति देव इधर-उधर महिलाओं पर नजरों से लार टपका रहे हों तो बस पर्स से हल्का-सा निकाल झलक दिखा दो ... मैं इस उधेड़-बुन में था कि इस चीज का क्या करूं । इसका किया क्या जाता है सोचा खाने की है ? पीने की है? या चाटने की? पर इतना तो मैं भी समझदार था कि यदि उसे खा या पी गया और अगर यह चाटने की हुई तो क्या करूंगा? तो सबसे पहले मैंने डरते-डरते उसे चाटना आरंभ किया। मेरे इस प्रयास से एक अजीब-सी हलचल हुई, मेरा रोम-रोम रोमांचित हो उठा......